-
अभिमानः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.574415 | Lang: NA
-
pride
Meanings: 15; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.8167853 | Lang: NA
-
स्वाभिमानः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.08450846 | Lang: NA
-
arrogance
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.0478052 | Lang: NA
-
त्रिकालज्ञता
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04225423 | Lang: NA
-
conceit
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.02957796 | Lang: NA
-
haughty
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02112712 | Lang: NA
-
dignity
Meanings: 14; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02112712 | Lang: NA
-
अभिमानी
Meanings: 14; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.02112712 | Lang: NA
-
pretend
Meanings: 20; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.02091478 | Lang: NA
-
presume
Meanings: 21; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.01690169 | Lang: NA
-
claim
Meanings: 32; in Dictionaries: 14
Type: WORD | Rank: 0.01690169 | Lang: NA
-
conceive
Meanings: 22; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.01690169 | Lang: NA
-
ब्रह्मानन्दे योगानन्दः - श्लोक ४१ ते ६०
'सार्थपंचदश्याम्' या ग्रंथात श्रीशंकराचार्यांनी मानवाच्या आयुष्यातील तत्वज्ञान सोप्या भाषेत विशद केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01478898 | Lang: NA
-
ध्यानदीपः - श्लोक ६१ ते ८०
'सार्थपंचदश्याम्' या ग्रंथात श्रीशंकराचार्यांनी मानवाच्या आयुष्यातील तत्वज्ञान सोप्या भाषेत विशद केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01478898 | Lang: NA
-
import
Meanings: 47; in Dictionaries: 12
Type: WORD | Rank: 0.01478898 | Lang: NA
-
ध्यानदीपः - श्लोक ८१ ते १००
'सार्थपंचदश्याम्' या ग्रंथात श्रीशंकराचार्यांनी मानवाच्या आयुष्यातील तत्वज्ञान सोप्या भाषेत विशद केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01478898 | Lang: NA
-
ब्रह्मकाण्डः - अध्यायः १७
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01056356 | Lang: NA
-
मिथ्या
Meanings: 64; in Dictionaries: 12
Type: WORD | Rank: 0.01056356 | Lang: NA
-
हरिवल्लभाप्रकरणं
रूपगोस्वामी ह्या महान विद्वानाने रचलेला महान् ग्रंथ उज्ज्वलनीलमणिः होय.
Type: PAGE | Rank: 0.008450846 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः ८७
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.008450846 | Lang: NA
-
द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ८६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.00739449 | Lang: NA
-
स्थायिभावप्रकरणम्
रूपगोस्वामी ह्या महान विद्वानाने रचलेला महान् ग्रंथ उज्ज्वलनीलमणिः होय.
Type: PAGE | Rank: 0.004225423 | Lang: NA
-
साहित्य दर्पण - षष्ठः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
Type: PAGE | Rank: 0.002640889 | Lang: NA